मेरी बीवी रितु सेक्सी बूब्स और गांड की मालिकिन
रितु को फोन किया और अभी भी उसका नंबर बीजी आ रहा था, मुझे लगा के यह साली अभी भी अपने बॉयफ्रेंड के साथ ही लगी होंगी, इस हरामी से शादी कर के मेरे भाग्य ही फुट गए थे. रितु दिखने में और बिस्तर दोनों में मेरे साथ खुश रहती थी और मैं उसे अपने 8 इंच लम्बे लंड से हर दुसरे तीसरे दिन चोद लेता था. पर पता नहीं क्यूँ फिर भी वह खोई खोई रहती थी, मुझे मेरी बहन नंदिनी ने बताया की उसका गली के नुक्कड़ पर आये मेडिकल स्टोर वाले बिरजू और दुसरे एक दो और लोंदो के साथ चक्कर था. मुझे खबर नहीं पद रही थी की मैं क्या करूँ, क्यूंकि मेरे सामने वह हमेंशा सती सावित्री होने का ढोंग करती थी. उसके खिलाफ मेरे पास कोई सबूत नहीं था और ऊपर से उसका बाप सबूत के बगेर कुछ माने ऐसे कम ही चांस थे. मैंने मनोमन सबूत जुटाने की योजना बनाई और फिर मुझे पता चला की रितु को क्या चाहिए था….मुझे फिर पता चला की उसको तो लंड चूत से ज्यादा गांड के अन्दर लेना अच्छा लगता था, और मैं उसे केवल चूत के अंदर ही लंड देता था.मेरा दोस्त अनूप एक प्राइवेट डिटेक्टिव था और मैंने उस से बात की, उसने मुझे एक ख़ुफ़िया केमेरा दिया और मुझे अपने बेडरूम के अन्दर लगाने को कहाँ. मैंने केमेरा अलमारी के उपर इस एंगल से लगाया की बेड और कुर्सी का पूरा हिस्सा उसमे आ जाए. मैं रोज जब रितु सब्जी लेने जाती तो केमेरा चला के देख लेता, एक हफ्ता हो गया था अभी तक कुछ हाथ नहीं लगा था. मैं रोज पुराने रेकोर्डिंग डिलीट करता और रितु की मटकती गांड अब मुझे दुशमन सी लगने लगी थी, उसके साथ मैं केवल सेक्स नाम के लिए करता था. मेरा सम्पूर्ण ध्यान तो उसकी चुदाई को केमरे के माध्यम से पकड़ने पर केन्द्रित था.
केमरे में बिरजू पहेली बार आया
एक दिन जब रितु बाजार गई थी मैंने केमेरा देखा और आंखे खुली रह गई जब मैंने केमरे में बिरजू को देखा, बिरजू एक हट्टाकट्टा लौंडा था और उसकी हाईट भी बढ़िया थी. मैंने तुरंत केमेरा बंध किया और मैं उसे लेके सीधा अपने फार्म पर चला गया, जहाँ बैठ कर मैंने बाकी की रेकोर्डिंग देखी..इसमें मेरी बीवी रितु बिरजू से गांड मरवा रही थी…पूरी रेकोर्डिंग देख के मेरे गुस्से का ठिकाना ही ना था….रेकोर्डिंग के द्रश्य कुछ इस प्रकार के थे.बिरजू करीब दोपहर 1 बजे आया था घर पे, जब मैं ऑफिस गया था और घर पे रितु के अलावा कोई और नहीं था. गर्मी के चलते 1 बजे बहुत कम चहलपहल होती है. वैसे भी हम लोग कम घुलते मिलते थे इसलियें बिरजू को कोई पूछने वाला भी नहीं था. पता नहीं रितु ने द्रोइंग रूम में बिरजू को बिठाया की नहीं क्यूंकि मेरे पास के द्रश्य केवल बेडरूम के ही थे, लेकिन उन्हें देख मुझे मेरी बीवी की गांड के अंदर रही लंड की तलब का अंदाजा अच्छी तरह चल गया था. बिरजू को उसने तुरंत पलंग के उपर ढकेला और वह उसके सामने जैसे की नग्न डान्स कर रही हों वैसे अपने कपड़े एक एक कर के उतारने लगे. बिरजू रितु को कुछ कह रहा था लेकिन केमेरा में सुनने का इन्तेजाम ना था इसलिए मैं समझ नहीं पाया. रितु ने अपने सारे कपड़े उतारे और वह एक जम्प लगा के पलंग़ के उपर चढ़ गई. बिरजू की पेंट रितु ने तुरंत उतार दी. बिरजू का लंड होगा कुछ मेरे जितना ही लेकिन उसका लंड एकदम काला था जैसे बेन्चोद धोता भी ना हो उसे. रितु उसका काला लंड पकड़ के हिलाने लगी और बिरजू रितु की गांड के उपर अपना हाथ फेरने लगा.
No comments:
Post a Comment