Thursday 2 May 2013

Hindi Sex Stories - कामवाली की चुदाई

कामवाली की चुदाई

पोर्न फ़िल्म पर मैं चुदाई ही देख रहा था

सन्डे था और मैं हमेशा की तरह कुछ 12 बजे ही उठा था, मम्मी पापा अपने सन्डे के कार्यक्रम के अनुसार रोहित अंकल के वहाँ गए थे, मेरा सन्डे का खाना वोह शाम को होटल से लेकर ही आते थे और मैं पूरा दिन ब्ल्यू फिल्मो मैं चुदाई की वीडियो देखता था, बाकि दिन ब्ल्यू फिल्म देखना थोडा टफ हो जाता था | मैंने ब्रश वगेरह का कार्यक्रम निपटाने के बाद मम्मी ने फ्रिज में रखा नास्ता गर्म किया और अपने लेपटोप पर अपनी फेवरेट टारजन की ब्ल्यू फिल्म लगा के बैठ गया | मैंने बरमूडा पहेना हुआ था और जैसे ही टारजन ने जेन की दरिया किनारे चुदाई करनी शरू की मेरा हाथ मेरे बरमुडे के अंदर चला गया | मैंने लंड को मसलना चालू कर दिया और टारजन की चुदाई का लुत्फ़ उठाने लगा | अब मैंने बरमूडा उतार के लंड को बहार निकाला और तभी मेरा ध्यान  खिड़की के पास गया जहाँ दुसरे रूम से मुझे हमारी नयी कामवाली रमा देख रही थी |
रमा हमारी नयी कामवाली थी और वह काफी सेक्सी थी वैसे तो, बड़े गोल स्तन, मटकती गांड और सेक्सी होंठ, मैं उसे अपने हस्तमैथुन में दो बार कुतिया बना के चोद चूका था, लेकिन अभी सिन कुछ और ही था | हमारी नजर एक हुई और मैंने देखा की वह मेरे लंड को अलग ही नजर से देख रही थी | मेरा रंग साफ़ है और मैं अपने आप को हमेशा शेव किया रखता हूँ, मैं अपने लंड के बाल भी रेग्युलर निकलता हूँ | शायद रमा मेरे गोरे चित्ते लंड से मोहित हो गई थी और उसको ही देख रही थी | मैं कुछ सेकन्ड्स के लिए कुछ नहीं बोला, हाँ इस बिच मैंने टारजन की चुदाई जरुर रोक दी थी….(शायद टारजन मेरी चुदाई फिक्स करा देगा )….! मैं खड़ा हुआ और बरमूडा पहेनने लगा | रमा भी पलट गई और वह अपने काम में लग गई | मुझे पता नहीं था की रमा घर में है नहीं तो मैं दुसरे रूम में अपने लंड हिलाने का कार्यक्रम रख देता |
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सेक्सी कामवाली – रमा

चुदाई के लिए तैयार तो दोनों थे, पर पहल कोन करे

थोड़ी देर बाद रमा मैं जहाँ बैठा था वह रूम में झाड़ू देने के लिए आई, वह निचे फर्श पर झाड़ू लगा रही थी और मैं उपर से उसके पीले रंग के ब्लाउज में उछलते उसके गदराये स्तन के नज़ारे ले रहा था | मैंने गौर किया की रमा भी बिच बिच में मुझे देख रही थी, वोह कुछ बोली नहीं ना ही मैं कुछ बोला….शायद वह भी मेरा लंड लेने को तैयार थी लेकिन वह थोड़ी ऐसा सामने से कहने वाली थी | मैं अब इस कामवाली की कुछ भी कर के चुदाई करने को उत्सुक था क्यूंकि अब उसके पीले ब्लाउज में उछलते हुए चुंचे जैसे की मुझे उसकी और बुला रहे थे मेरा केला वैसे भी अब तन गया था और उसे हाथ या चूत दोनों में से एक सहारा चाहिए था | मैंने मनोमन एक आईडिया किया, जैसे ही रमा मेरे आगे से झाड़ू लगाकर सोफे के तरफ बढ़ने वाली थी मैं खड़ा हुआ और उसकी गांड को घिसते हुए रूम के कोने में गया, वाह क्या सॉफ्ट गांड थी यार | रमा कुछ बोली नहीं और मुझे थोड़ा थोडा सिग्नल मिला | मैं अब वापस सोफे की तरफ आया और ओर भी जोर से उसकी गांड को घर्षण दिया, रमा इस बार पलटी और मुझे उसके चहेरे पर मुस्कान दिखी ! मुझे लगा की थोडा प्रयत्न किया तो इस हलकी काली कामवाली की चूत की चुदाई का अवसर आज मिल ही जाएगा | मैंने अब सोफे पर बैठ कर टाँगे लंबी की और इस कदर लंबी की की रमा की गांड से वो टच हो जाएं |

रमा लंड लेने को तैयार हो गई

मैंने अपना पैर एकाद दो बार उसकी गांड पर घुमाया और फिर मैंने खड़े होकर रमा को कंधे से पकड़ के खड़ा किया, मैंने अपने पर्स से 100 100 के दो नोट निकाले और रमा को थमाए और कहा, “मुझे खुश कर दो आज, मैं तुम्हे खुश कर सकता हूँ अच्छी तरह से ”
रमा बोली, “भैया मेमसाब आ गई तो”
मैंने कहा “मेमसाब शाम से पहेले नहीं आएँगी और मैं ज्यादा वक्त नहीं लूँगा”
रमा ने 200 रूपये अपने ब्लाउज के अंदर रखने के लिए हाथ बढाया लेकिन मैने उसका हाथ उसके चुन्चो तक पहुंचे उसके पहेले मैं अपने दोनों हाथ से उसके बड़े बड़े चुंचे दबाने लगा, रमा ओह ओह आह ऐसे बोल पड़ी, शायद टारजन सेक्स के नशे में मैंने कुछ ज्यादा जंगली तरीके से ही उसके चुंचे मसल दिए थे, मैंने अब रमा को हाथ ऊँचे करवाए और उसके साडी और ब्लाउज का वस्त्राहरण कर दिया, ब्लेक कलर की ब्रा में उसके बड़े चुंचे और भी सेक्सी लग रहे थे | मैंने ब्रा का हुक खोल कर दोनों चुंचे बहार निकाल दिए और उसके बाद रमा को पूर्ण नग्न कर दिया | रमा बिना कपड़ो के बहुत ही सेक्सी लग रही थी | मैंने भी अपना बरमूडा और पतली टी-शर्ट उतार फेंकी, रमा अब मेरे गोरे लंड को हाथ में लेकर उसे हिलाने लग गई, मेरा लंड पूर्ण रूप से तन गया था और उसके छेद से चिकना प्रवाही का स्त्राव भी होने लगा था | रमा लंड को अपने मुहं में लेने लगी और मैंने आँखे बंध कर के इस स्वर्गीय अनुभूति का अहेसास दबा लिया | मेरे लंड को रमा मुहं में भर कर खिंच रही हो इस तरह से चुसाई देने लगी और मैंने अब उसके मुहं में ही अपने लंड से झटके देने चालू कर दिए | रमा दो मिनिट तक लंड को मस्त चुस्ती रही और उसके बाद मैंने चुदाई के लिए रमा को वही सोफे के उपर कुतिया बना के बैठा दिया |

कुतिया बना के रमा की चूत चोद दी

मैंने अपने गिले हुए लंड को रमा के चूत के छेद पर सेट किया और एक हलका झटका देते ही मेरा लंड उसकी चूत को फाड़ता हुआ अंदर घुस गया, रमा के मुहं से हलकी आह निकली और फिर वोह चुप हो गई | मैं उसके बिलकुल उपर चढ़ कर उसकी चूत में अपना लंड अंदर बहार करने लगा था | रमा की चूत भी पूरी गीली हूँ चुकी थी और लंड को इस गर्म गीली चूत की चुदाई करने में बहुत आनंद आ रहा था | मैंने अपने दोनों हाथो से रमा की गांड दबा के रखी थी जिससे मेरा तगड़ा लंड उसकी चूत के अंदर ज्यादा से ज्यादा दबाव महेसुस कर सके | मेरे झटकों की तीव्रता बढ़ती गई और रमा की सिसकारियाँ अब धीमी धीमी चीखों में तबदील हो रही थी | वह मेरे झांघो पर अपना हाथ रख के मेरे झटको को स्लो करने की नाकाम कोशिश कर रही थी…मैंने उसको ट्रेन की रफ़्तार से चोदना चालू रखा और वोह चीखती रही…..आह आह आह ओह आह ह्ह्ह्हह्हओह्ह्ह्हह्ह  आऊ आऊ औ आह आह ऊऊओ….मुझे यह सिसकारियाँ और चीखे और उत्तेजना दे रहे थे और मैं अपनी स्पीड बढ़ा के उसके चूत को झटके देता रहा…तभी मेरा लंड जवाब दे गया और इस हसीन चूत के अंदर मेरा वीर्य निकल पड़ा | मैंने अपना लंड बहार निकाला जो इस हार्ड चुदाई के बाद थक सा गया था और रमा भी इस सेक्स के बाद दो मिनिट सोफे पर ही लेटी रही….थोड़ी देर बाद वह उठी और बाथरूम जा के अपनी चूत साफ़ कर आई…मैंने उस दिन उसे वह टारजन वाली मूवी दिखा के एक और बार चोद लिया, और अब तो मैं उसे नियमित रूप से सेक्स के लिए तैयार करता हूँ….!

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