हॉट भाभी शकीला से शादी में मिला
उन दिनों मैं अपने चचेरे भाई दिलावर की शादी में इंदोर गया हुआ था, मुझे वैसे शादी और दुसरे सामाजिक प्रसंग में जाना बिलकुल अच्छा नहीं लगता था क्यूंकि साला शोर बहुत करते है लोग. नाचते हैं गाते हैं और हमारे सर में दर्द करवाते हैं. दिलावर की शादी में हमारे सभी रिश्तेदार आये थे लेकिन मेरी निगाहे जिस पे गड़ी थी वो थी शकीला भाभी. शकीला एक बहुत ही हॉट भाभी थी जिसका शोहर हारून साउदी में काम करता था. यह हॉट भाभी काफी पढ़ी लिखी थी और घर में टयूशन दे के टाइम पास करती थी. लेकिन दोस्तों अगर इसे करीना कपूर के पास खड़ा कर दो तो आप कहेंगे के करीना कपूर से तो यह अच्छी हैं. शकीला भाभी के लाल लाल होंठ थे और उसकी आँखे मस्त कातिल थी. वोह अभी 25 के करीब थी लेकिन उसके नखरे 18 साल की नाजुक लड़कियों जितने थे. मैं सोचता था की कहा हारून और कहा शकीला भाभी. हारून दुबला, पतला और मरियल सा था जिसे अगर एक थप्पड़ मार दो तो मर जाएँ. सच में यार अंगूर हमेंशा लंगूर के हाथ आता हैं. अगर यह हॉट भाभी मेरी बीवी होती तो रोज इसकी चुदाई होनी थी. वैसे मेरी शादी अभी नहीं हुई थी, मैं 26 का हो चला था. मैं सोच रहा था की कोई शकीला जैसे जवानी मिल जाए तो हाँ कहूँ….!शकीला भाभी को महेंदी वाली के पास जाना था
शादी को अभी कुछ घंटे बाकी थे, मैं मेरे कुछ दोस्तों के साथ बैठा तास खेल रहा था. घर के अंदर से बार बार आती शकीला भाभी को मैंने देखा, और मैं समझ गया की उसे कुछ चाहियें. मैंने दोस्तों को बहाना बताया और मैं मंडप से घर में आ गया. शकीला भाभी अभी भी उत्सुकता से इधर उधर हो रही थी. मैंने पूछा, “भाभी क्या बात हैं, पतले होने की कोशिश कर रहे हो क्या…?”“नहीं जब्बार, देख ना महंदी वाली नहीं आई, मैंने उसे कुछ लडकियों के लिए बुलाया था. साली को लगता हैं की दुल्हन की महेंदी लग गई उसके बाद उसकी छुट्टी. सब लोग मुझे कह रहे हैं की मैं जा के उसे पकड़ ले आऊं, पर कोई बाइक साईंक भी तो नहीं हैं”..हॉट भाभी जैसे एक सांस में ही इतना कुछ बोल पड़ी. मैंने कहा, “भाभी देवर हाजिर हैं आपका, हारून भाई नहीं हैं तो क्या हुआ. हम हैं ना उनकी कमी पूरी करने के लिए…!”
“चल जा कुत्ते…!”….हॉट भाभी ने शायद मेरी बात का मतलब समझ लिया था लेकिन उसका यह बोलना हंसी के साथ निकला था. उसको मैंने कहा, “भाभी आप आगे मंडप के बहार रुकिए मैं अपनी बाइक ले के आया.” मैंने भाभी के पास ला के बाइक की ब्रेक लगाई और वोह उसके उपर दोनों तरफ टाँगे रख के बैठ गई. उसने बड़े सेक्सी तरीके से मेरे कंधे के उपर हाथ रखा था, जैसे पति के कंधे पर बीवी रखती हैं. मैंने सोच लिया था की आज इसके बूब्स से जरुर लडूँगा पुरे रास्ते. मैं जानबूझ कर बाइक स्लो चलाने लगा ताकि इस हॉट भाभी के साथ ज्यादा समय बिताया जा सके. मैंने बाइक को दो तिन बार छोटे खड्डों में उछाल दी और भाभी के बड़े बड़े चुंचे मेरे कंधे से टकरा गए. वोह तो जैसे की कुछ हुआ ही नहीं वैसे बैठी रहती हैं, और साला हम पे एक एक पल क़यामत बीतती थी.मैंने भाभी को पूछा, “हारून भाई कब आ रहे हैं भौजी.?”
भाभी भैया के राज खोलने लगी
“मरने दे उसे वहीँ, पैसा ले के सोएगा कबर में वो. जब्बार शादी को तिन साल हो गए हैं अभी बच्चा नहीं हुआ इसलिए सास और ननंद ताने देती हैं. अब हारून आता हैं दो साल में एक बार. अब बच्चा क्या मैं अन्डो पे बैठ के निकालूं. मैं तंग आ गई हूँ सच में. कभी कभी रोना आ जाता हैं. हारून को समझाओना की पैसे से औरत संतुष्ट नहीं होती उसे भी कई तरह की भूख होती हैं” हॉट भाभी तो भावनाओ में बह गई. मुझे लगा की लोहा गर्म हैं और अगर हथोडा दिया तो मजा आएगा. मैंने आगे और कहा, “वैसे भी भाभी सच बताऊँ, आप की और हारून दा की जोड़ी अजीब हैं. आप कहाँ मदमस्त हिरनी जैसी चंचल और वो भोले भाले और आपसे शरीर में भी आधे हैं.”आग लगने लगी थी, हॉट भाभी ने आगे जो कहाँ उससे तो मैं बाइक चलाते चलाते ही सन्न रह गया, वो बोली… ”तेरे भाई की मर्दानगी पर भी मुझे तो सक होता हैं.4 इंच की दुनिया हैं और 2 मिनिट का मजा…!”
अच्छा हॉट भाभी भी शायद आज चांस ले रही थी तभी तो मुझे वो यह सब बता रही थी. शायद उसे भी मेरी चौड़ी छाती देख मेरा लंड लेने की प्यास जागी थी. चलो फिर दे देंगे इनको भी लंड का नजराना, हम तो इनकी भोसड़ी के लिए ऐसे ही मरे जा रहे हैं. मैंने तभी ब्रेक लगाया और भाभी के चुंचे मेरे दोनों कंधो से लड़ गए. मैंने कहा “भाभी मुझ से सट के बैठो ना इंदोर के रस्ते बहुत ख़राब हैं.” हॉट भाभी थोडा आगे खिसकी और अब उसके चुंचे मुझे ऐसे ही छू रहे थे और मुझे ब्रेक लगाये बिना उसका अहेसास हो रहा था. बाइक के चलने से यह मदमस्त स्तन मुझ से हिल हिल कर जैसे कंधे पर मसल रहे थे. मेरा लंड पूरा तन चूका था और मुझे अब इस हॉट भाभी शकीला की चूत लाजिम लेनी पड़ेगी ऐसा लग रहा था. मैंने महेंदी वाले का घर आते तक कुछ नहीं कहा, भाभी ने उसे आने को कहा, थोडा डांटा भी के मोबाइल बंध करके क्यों बैठी हैं वगेरह वगेरह. एक बार फिर भाभी बाइक पर चढ़ गई और मैंने बाइक घुमाई घर के तरफ.
तारीफ़ की तारीफ़ क्या करूँ, इस से अच्छी अच्छी पट जाती हैं
मैंने वापसी में फिर बात चालू की, “भाभी सच में आप गलत जगह फंस गई, कहा आप हर जैसे और मदमस्त फिगरवाली.” हॉट भाभी बोली, “जब्बार तू पहले मिला नहीं ना….!” यह सुनते ही मेरा लंड अंदर पड़े पड़े मुझे कहने लगा चोद दे चोद दे शकीला को. मैंने हँसते हुए कहा, “भाभी अभी भी कहाँ मर गए हैं हम, आप कहो हाजिर हो जाएंगे.” भाभी एक मिनिट तक कुछ नहीं बोली, मैं डर गया की कहीं इसे बुरा ना लग गया हो. लेकिन फिर वो बोली, “बातें ना बनाओ, दिल टूट जाएगा मेरा. मैं आस लगाऊंगी और तुम नहीं आओगे.” साला सेटिंग हो रहा था. मैंने कहा, “भाभी आप कहो और मैं ना आऊं तो यह बोलना.” मैंने भाभी को बोलने नहीं दिया और पहले ही बोल पड़ा, “आज रात को शादी की रस्म हैं. कल खाना और परसों से मैं और आप दोनों फ्री. कहिएं कहाँ मिलेंगे.”हॉट भाभी के चहेरा तो मुझे नहीं दिख रहा था लेकिन उसके बोलने पर मुझे साफ़ लगा की वोह हंस के बोल रही थी, “” घर ही आ जाना मेरे. मैं टयूशन के बच्चो को एक दिन और छुट्टी दे दूंगी. दो दिन बिताते बिताते मेरी नाक में दम आ गया. इन दो दिनों में शकीला भाभी जितनी बार मेरे पास से गुजरी मेरा लंड खड़ा ह गया और मैं या तो उसकी मटकती गांड देखता था या उछलते स्तन. तीसरे दिन, यानी की मिलन के दिन मैंने सुबह में शेविंग की और पास के मेडिकल से कंडोम ले आया, एक नहीं तिन तिन. मुझे आज इस हॉट भाभी की मस्ती मस्ती से लेनी थी. 11 बजे मैंने भाभी को फोन किया, उसने कहा. “आ जाओ. साथ में एक थेली पकड़ते आना हाथ में ताकि किसीको शक ना हो और बाइक ले के मत आना, अगर ले के आओ तो घर से दूर पार्क कर देना.” मैं प्लास्टिक की थेली में कुछ न्यूजपेपर डाल के निकला और भाभी की डोरबेल बजाई. भाभी ने दरवाजा खोल मुझे अंदर ले लिया.
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