Monday 6 May 2013

मेरी चूत में सहेली के भाई का लंड

हाई दोस्तों मेरा नाम साजदा है और मैं अलाहबाद की रहने वाली हूँ. यह बात तब की है जब मैं 21 साल की थी और कोलेज में पढाई करती थी. कोलेज में उन्नति और निर्मला मेरी खास सहेलियां थी. उन्नति के डैड आर्मी में है और निर्मला के मम्मी डेडी दोनों ही एक स्कुल में टीचर थे. उन्नति का भाई अर्जुन हमारे साथ ही कोलेज में था लेकिन वह हम से एक साल छोटा था. अर्जुन मुझे पहले से ही अच्छा लगता था और वह मुझे अक्सर घूरता रहेता था. उन्नति और निर्मला दोनों को यह बात पता नहीं थी. मेरे मन में भी इस देसी लड़के के साथ चुदने की इच्छा जागी थी पर दोस्त का दिल टूटे यह भी मुझे पसंद नहीं था. मैं अक्सर अर्जुन के बारे से सोच कर अपनी चूत में ऊँगली लिया करती थी. मैं बस उसका लंड एक बार अपनी चूत के अंदर लेना चाहती थी. मेरा यह मौका आखिरकार सफल हुआ, उस दिन मैं उन्नति के घर गई थी……!
nice indian boobs मेरी चूत में सहेली के भाई का लंड
सेक्सी इंडियन जवानी

अर्जुन अकेला था घर पे, चुदाई का मैदान साफ़ था

उन्नति से एक सब्जेक्ट के नोट्स लेने के लिए एक दोपहर को मैं उसके घर गई थी, उसका मोबाइल बंध था इसलिए मेरी उससे बात नहीं हो पाई थी. मैं घर जा के उसका डोरबेल बजाने लगी. डोर अर्जुन ने ही खोला और वह केवल बनियान और एक कोटन की लेंघी पहने हुआ था. शायद गर्मी से बचने के लिए उसने कम कपडे पहने हुए थे. मैंने थोडा शरमाते हुए पूछा, उन्नति है….? अर्जुन ने कहा, नहीं वो तो मोम डेड के साथ अंकल के घर गई है. अंकल की तबियत ख़राब है. उसने मुझे कहा, अंदर आइये. मेरा मन भी मुझे अंदर जाने को कहने लगा. मैं अंदर गई और सोफे पर बैठी. तभी मेरी नजर टीवी के पास पड़े डीवीडी प्लेयर के उपर पड़ी. उसके उपर एक 2X मूवी का डीवीडी मेरी चूत को उकसाने के लिए काफी था. मैं मनोमन सोच रही थी जो आज अर्जुन हाथ पकड़ा दे तो मैं उसका लंड पूरा चूस लूँ. अर्जुन मेरे लिए पानी ले आया और हम दोनों बातें करने लगे.

चूत में लंड लेने के लिए गर्लफ्रेंड की बात निकाली

मैने थोड़ी बातें इधर उधर कर के अर्जुन से पूछा के गर्लफ्रेंड बनी के नहीं. उसने हँसते हुए कहा बनानी तो हैं पर डर लगता हैं दीदी को पता चला तो घर में पिट्वाएगी. मैं उसे कहा दीदी का इतना टेंशन मत लो अर्जुन, जवानी में सब चलता है. थोडा क्रेज़िनेस तो चाहिए ना. वैसे कोई तो अच्छी लगती होंगी तुम्हे. मैंने उसकी आँखों में अपनी आँखे गडाई थी. अर्जुन जैसे की मेरे नजरो से डर रहा था और उसने मुझ से आँखे चुराते हुए कहाँ, नहीं रहने दो अभी फिर कभी बताऊंगा. उसका यह शरमाना मेरी चूत को और भी बेताब कर रहा था.मैं खड़ी हुई और उसके एकदम करीब बैठ गई, उसकी जांघे और मेरी जांघे टच हो रही थी. अर्जुन मेरी तरफ देख के बोला रहने दो साजदा जी मेरा कुछ मेल नाही खाने वाला…मैंने उसकी आँख से आँख मिलाई और उसने सीधे ही मेरी होंठो पर अपने हाथ रखे और बोला…मुझे आप पसंद हो साजदा जी….!!!
वैसे मैं तू उसे उसका कर अपनी चूत तृप्त करवाना चाहती थी लेकिन मैंने मनोमन सोचा साजदा यह तो तुझे ही चाहता है यह चूत चाटेगा भी और चुसेगा भी….! मैंने ख़ाली ख़ाली शर्माने की एक्टिंग की और वो बोला, देखा मैंने कहा था ना की मेरा मेल नहीं खाएगा. मैंने अब उसकी तरफ देखा और कहा, अर्जुन ऐसी बात नहीं है…मुझे भी तुम पहले से ही अच्छे लगते हों. इससे पहले की वोह भावनाओं मैं बह जाए में उससे लपट गई और उसे अपने चुंचो से छाती का स्पर्श करवा दिया. वोह मुझे कस के गले लगाने लगा और उसका तगड़ा लौड़ा मेरी चूत के बिलकुल उपर था.

अर्जुन ने चूत चुसी और चाट भी ली

मैंने अर्जुन के सीने पे हाथ फेरा, उसका दिल 100 की स्पीड से धडक रहा था और वह मेरे प्रत्येक स्पर्श से लम्बी साँसे लेता था. मैंने हाथ निचे सरकाया और उसकी लेंघी में हाथ डाल के लंड को दबा दिया. अर्जुन बोला….ओह साजदा,…आई लव यु. मैंने लंड को दबाये रखा और कहा…आई लव यु टू अर्जुन. जल्दी कपडे उतारो मुझे तुम्हारा लंड देखना है. अर्जुन दंग रह गया क्यूंकि मैं पहली बार लंड बोली थी उसके सामने. उसने अपने कपडे उतारे और मेरे स्तन को दबाने लगा. मैंने भी अपना फ़्रोक और इजार खोल दी. उसने मेरे ब्रा पेंटी को हटाया और मेरी जवान अंग देख उसका लौड़ा क़ुतुब मीनार के जैसा खड़ा हो गया. मैंने उसके लौड़े को थोडा हिलाया और उसके मुहं से आह आह निकलने लगा. मैंने कुर्सी में बैठ के अपनी टाँगे फैला दी और अर्जुन से कहा…अर्जुन कामरस चखोंगे. वह मेरी बात समझ गया और कुर्सी के पास निचे बैठ गया, मैंने दोनों टाँगे उसके कंधो पर रख दी. अर्जुन पहले मेरे चूत के होंठो को स्पर्श करने लगा और फिर उसने धीमे से चूत के अंदर अपनी जीभ लगाईं. मेरे पुरे शरीर से जैसे की करंट दौड़ गया. उसने तुरंत जीभ अंदर घुसाई और मेरे चूत के रस को पिने लगा. वह अपनी जीभ से चूतके होंठो को चूस रहा था और फिर बिच बिच में होंठो को चाट रहा था. मेरी उत्तेजना भी उसकी तरह ही चरम सीमा पर थी.

चुसाई का बदला चुसाई से दिया

वोह रुका और उसने अपना मुहं चूत से निकाला. मैंने खड़े होते हुए उसे कुर्सी में बेठने के लिए इशारा किया. वह जैसे कुर्सी में बैठा मैने उसका लंड हाथ में पकड़ा और उसे हिलाने लगी. उसने एंठना चालू किया और मैंने उसके एंठन को बढ़ावा देते हुए उसका लौड़ा अपने मुहं में ले लिया. अर्जुन लंड मेरे मुहं में धकेलने लगा और मैं अपनी चूत के उपर अपना हाथ रख के सहलाने लगी. मुझे भी चूत के अंदर लंड ले लेने की तलब लगी थी. अर्जुन धक्के दे दे मेरा मुहं चोद रहा था. मुझे अपने स्तन के बिच उसका लंड लेने की फेंटसी हुई और मैंने उसे यह कहा. अर्जुन ने मुझे निचे लिटाया और वह मेरे स्तन के बिच लंड दे के मुझे टिट-फक करने लगा, मैं उसके लौड़े पर थूंक थूंक के उसे गिला रख रही थी. मेरे हाथ मेरे चूत के ऊपर चल रहे थे. मुझे अब लंड से चुदाई की एक असीम उछाल सी आ गई थी.

वाह रे अर्जून तेरे लंड का भी जवाब नहीं

अर्जुन ने मेरे पांव खोले और अपना लंड का सुपाड़ा उसके उपर घिसने लगा. मुझे बहुत ही मजा आ रहा था और मैं उसके तरफ प्यार से देख रही थी. मेरी चूत से प्रवाही निकलने लगे और मैंने उसका लंड पकड के अंदर की तरफ मोड़ा. उसका लंड मुझे गर्म गर्म लग रहा था, अर्जुन ने सीधा लंड अंदर किया और मैं इस उत्तेजना को बर्दास्त नहीं कर पाई मैंने उसे गले लगा लिया. अर्जुन ने लंड अब घचघच अंदर डालना चालू किया. उसके लंड से मुझे अंदर एक अजीब मजा आ रहा था और यह मजा शब्दों में बयान नहीं हो सकता. अर्जुन लंड डाल डाल के बहार निकाल रहा था और चूत के अंदर मेरी उत्तेजना बढती ही जा रही थी. मैंने अपने दोनों हाथ अर्जुन के गले में डाले हुए थे और वह जैम के मुझे चोदता जा रहा था.

एक ही दिन में कुतिया भी बना दी

अर्जुन का लंड थकने का नाम ही नहीं ले रहा था. मुझे तो ऐसा था की वह थोड़ी चुदाई करने के बाद चूत में अपना रस निकाल देगा लेकिन वह तो और भी जम के चुदाई करने लगा. उसने अपना लौड़ा अब मेरी चूतसे निकाला और उसने मुझे कुतिया जैसा बना दिया. मैं जैसे ही उलटी हो के डौगी स्टाइल में आई. उसने मेरी चूतके अंदर पीछे से अपना लौड़ा घुसेड दिया. वोह मेरे गांड को दोनों साइड से पकड के ठोकने लगा. मेरे चूत से अब झाग तक निकलने लगा था लेकिन वह अभी भी वहीं झडप से मेरी ठुकाई कर रहा था. अर्जुन ने मुझे कंधे से पकड़ा हुआ था और दोनों जगह उसका स्पर्श मुझे उत्तेजना देने के लिए काफी था. मैं अब थक सी गई थी. अर्जुन के झटके बढ़ते ही गए और तभी मुझे अंदर लगा की कुछ पानी चूतके अंदर छुटा….और तभी उसके साथ थोडा ज्यादा गर्म पानी निकला – पहला पानी मेरी चूतसे निकला था और गर्म पानी अर्जुन का वीर्य था जो चूत के होंठो से भी बहार टपक रहा था. हम दोनों मस्त शांत हो गए और एक दुसरे की बाहों में ही सो गए…..!!!

No comments:

Post a Comment