तिन हफ्ते पहले मैं अपने गाँव गया था, बलरामपुर. वैसे मुझे मुंबई आके
सेट हुए एक दशक हो चला हैं और मुझे गाँव में सब साब, सेठ, भाई वैसे आदरवाचक
नाम से ही बुलाते हैं. मैं एक-दो साल में एकाद बार गाँव जाता हूँ. यह बात
तब की हैं जब मैंने अपने छोटे भाई गौतम की शादी पर गया था. तब मैंने गाँव
की ही एक सेक्सी और हॉट लड़की अनुपमा की चुदाई की थी. अनुपमा को मैंने घर
के सामने बने म्युनिसिपल टॉयलेट में चोदा था. आइयें इस हॉट लड़की के साथ
हुई इस चुदाई का पूरा विवरण आपको बताऊँ.
मैंने अपने बचपन के दोस्त लालू को टॉयलेट का टाइम देखने को कहा, लालू को अनुपमा के बारे में पता था. उसने दो दिन और टाइम नोट किया और मुझे कहाँ की शाम और रात के बिच में शायद ही कोई टॉयलेट की तरफ भी आता है. लालू की दूकान इस टॉयलेट के सामने ही होने से मुझे पूरा टाइम टेबल मिल चूका था. लालू को ही मैंने अपना पोस्टमेन बनाया और अपना लवलेटर अनुपमा को भिजवाया. अनुपमा का जवाब दुसरे दिन आ गया और हम दोनों गौतम की शादी में काफी घुलमिल गए. मैंने एक दो बार उसे पकड भी लिया था. आखिर कार एक दिन मैंने उसे हिम्मत कर के शाम के बाद टॉयलेट पर आने को कहाँ.
मैंने अपनी पेंट खोली और लंगोट भी निकाल के टॉयलेट के दरवाजे के हुक पर टांग दी. मेरा लंड तक़रीबन 7-8 इंच लम्बा था, अनुपमा उसे पकड के जैसे की गाडी के गियर बदल रही हो वैसे हिलाना चालू कर दिया. अनुपमा के हाथ में जादू था और मेरा लंड थोड़ी देर में ही पूरा खड़ा हो गया. मुझे अपना लंड इस हॉट लड़की को चुस्वाने की इच्छा हुई और मैंने उसका सर निचे कर के उसके मुहं में लंड भर दिया. अनुपमा लंड को मस्त चूसने लगी और मैं लंड को उसके मुहं में हलके हलके झटके दे के अंदर बहार करने लगा. अनुपमा लंड को मस्त चुस्ती जा रही थी. मेरा लंड उसके मुहं में जाने से और भी अकड गया था.
अनुपमा – सरपंच की बेटी और एक हॉट लड़की
अनुपमा को मैं कई सालो से जानता था लेकिन पहले वो काफी छोटी दिखती थी, और 18-19 साल की होते हीं जैसे की वह जमीन से उग निकली,इस हॉट लड़की की लम्बाई चौड़ाई और गांड-चुंचे सब कुछ बढ़ गया. मैं गौतम की शादी के वक्त गाँव आया तो पहले तो मैंने इसे पहचाना ही नहीं. एक दो बार उसे देखने पर वह मेरे को स्माइल दे रही थी. सरपंच गुप्ता जी की यह बेटी लंड लेने के लायक हो चली थी.अनुपमा को देख मेरे लंड में भी हलचल होने लगी थी. मगर साली यहाँ चुदाई की जगह की बड़ी दिक्कत थी. 50 घरों का तो गाँव था और आधे उसके रिश्तेदार और आधे मेरे. दोनों को साथ में देख कोई भी पकड लेता. मैं एक दो दिन तक जगह ढूंढता रहा और साथ में अनुपमा को लाइन देना भी चालू रखा. वैसे गाँव की लडकियों को पटा के चोदना आसान होता हैं. शहर मैं बेन्चोद पिज़ा खिलाओ, पिक्चर दिखाओ और गांड मराओ तब जा के चूत मिलती हैं. लेकिन गाँव में पटाओ और लंड खिलाओं. एक दिन सुबह सवेरे में गाँव में म्युनिसिपल टॉयलेट में हगने बैठा था तभी मुझे लगा साली यह जगह भी मस्त हैं.मैंने अपने बचपन के दोस्त लालू को टॉयलेट का टाइम देखने को कहा, लालू को अनुपमा के बारे में पता था. उसने दो दिन और टाइम नोट किया और मुझे कहाँ की शाम और रात के बिच में शायद ही कोई टॉयलेट की तरफ भी आता है. लालू की दूकान इस टॉयलेट के सामने ही होने से मुझे पूरा टाइम टेबल मिल चूका था. लालू को ही मैंने अपना पोस्टमेन बनाया और अपना लवलेटर अनुपमा को भिजवाया. अनुपमा का जवाब दुसरे दिन आ गया और हम दोनों गौतम की शादी में काफी घुलमिल गए. मैंने एक दो बार उसे पकड भी लिया था. आखिर कार एक दिन मैंने उसे हिम्मत कर के शाम के बाद टॉयलेट पर आने को कहाँ.
हॉट लड़की चुदवाने के लिए आई
शाम के 7 बज चुके थे और मैं अनुपमा की राह देखता हुआ बैठा था. मुझे दूर से एक आकृति आती दिखी जो हॉट लड़की अनुपमा ही थी. उसको आते देख मैं तुरंत टॉयलेट में लोटा ल्ले के चला गया. मैंने पहले टॉयलेट में ही अड्डा जमाया. अनुपमा हिचकिचाते हुए आई और उसने दरवाजे पर हल्का धक्का दिया. मैं दरवाजा खुला कर के ही खड़ा था. उसके धक्के से दरवाजा खुला और मैंने उसे अंदर खिंच लिया. जैसे मैंने कहाँ गाँव में चुदाई आसान होती हैं और यहाँ ककी लड़कियां ज्यादा भाव नहीं खाती. मैंने तुरंत अनुपमा के स्तन को मसलना चालू कर दिया. टॉयलेट था छोटा लेकिन चुदाई के लिए अभी इससे आसान और अच्छी जगह थी ही नहीं. अनुपमा के नए नए जवान हुए स्तन अंदर से मस्त सख्त थे और मुझे उनको दबाने में बहुत मजा आ रहा था. हॉट लड़की अनुपमा अपनी सिसकियों को अंदर ही दबा रही थी ताकि आवाज बहार ना जाएँ. वैसे लालू को मैंने चोकी पर लगाया हुआ था की कोई प्रॉब्लम लगे तो वो टॉयलेट में आके आवाज दे दें.मैंने अपनी पेंट खोली और लंगोट भी निकाल के टॉयलेट के दरवाजे के हुक पर टांग दी. मेरा लंड तक़रीबन 7-8 इंच लम्बा था, अनुपमा उसे पकड के जैसे की गाडी के गियर बदल रही हो वैसे हिलाना चालू कर दिया. अनुपमा के हाथ में जादू था और मेरा लंड थोड़ी देर में ही पूरा खड़ा हो गया. मुझे अपना लंड इस हॉट लड़की को चुस्वाने की इच्छा हुई और मैंने उसका सर निचे कर के उसके मुहं में लंड भर दिया. अनुपमा लंड को मस्त चूसने लगी और मैं लंड को उसके मुहं में हलके हलके झटके दे के अंदर बहार करने लगा. अनुपमा लंड को मस्त चुस्ती जा रही थी. मेरा लंड उसके मुहं में जाने से और भी अकड गया था.
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