Thursday 2 May 2013

Hindi Sex Stories - गर्म आंटी की उसके घर में ही चुदाई

इंजीनियर की पढाई खत्म होते ही सब से पहली समस्या थी एक नौकरी ढूंढना. मेरी हालत पहले से ही पतली थी और मैंने बहुत मुश्किल से अपनी पढाई पूरी की थी. इसलिए ही मैं अपने मोज सौख को साइड पे रख के सिर्फ पढाई में लगा हुआ था. वैसे भी साला कॉलेज में गर्लफ्रेंड बनाना वैसे भी खर्चे वाला काम था.मैं अभी तक मुठ मार मार के अपनी रुखी सेक्स जिन्दगी में बंध आँख से रंग भरता चला आया था लेकिन मेरी चोदने की तमन्ना जल्द ही पूरी हो गई. यह चुदाई मुझे एक गर्म आंटी से मिली थी. यह गर्म आंटी का नाम कोमल था और वोह वहीँ काम करती थी जहाँ मुझे अपनी पहली जॉब मिली थी. यह एक इंटीरियर डिजाइनर की ऑफिस थी जिसमे कोमल आंटी रिसेप्शन पे बैठती थी और मैं वहाँ सिविल इंजीनियार के तौर पर लगा हुआ था. अब आंटी कहूँ इसका मतलब यह नहीं की कोमल आंटी 50 साल की थी, वो होगी कुछ 30 की लेकिन मैं केवल 19 का था इसलिए मेरी तो आंटी ही हुई ना.

hot aunty गर्म आंटी की उसके घर में ही चुदाई
गर्म आंटी कोमल

खडूस बॉस की फ़ाइल गर्म आंटी भूल गई

हमारा बोस इंद्र बहुत खडूस था साला, खुद को नवाब समजता था वो और उसे हरेक चीज अपनी जगह पे और वक्त पे चाहिए होती थी. एक दिन मैंने इस गर्म आंटी कोमल को दो फ़ाइल दी थी इंद्र सर को देने के लिए, लेकिन पता नहीं कैसे उस दिन आंटी भूल गई. मुझे शाम के 7 बजे जब मैं घर था तो बोस का फोन आया और वोह मुझे कहने लगा की मैंने उसे फ़ाइल नहीं दी है..मैंने उसे कहा की फ़ाइल तो मैंने कोमल को दो दिन पहले ही दे दी थी. बोस गुस्से से फुला था मैंने उसे कहा आप मुझे कोमल का नंबर दे बोस मैं देखता हूँ. बोस ने मुझे नंबर दिया और मैंने इस गर्म आंटी को रिंग की. उसने दो तिन बार फोन लगाने के बाद फोन लगाया और बोली की मैं नाहा रही थी इसलिए लेट हो गया. उसे फ़ाइल की बात करते ही आंटी की गांड फट गई और वो बोली फ़ाइल तो ऑफिस में ही रह गई है उसके ड्रावर में और उसका पति भी बहार गया था इसलिए वोह अभी ला नहीं सकती थी फ़ाइल. मैंने आंटी को कहा की आप मेरे साथ चलिए हम फ़ाइल निकाल लाएंगे. मैंने आंटी से अड्रेस लिया और मैं उसके घर 5 मिनिट में ही पहुंच गया. आंटी निचे ही खड़ी थी. वोह तुरंत मेरे बाइक के पीछे बैठ गई. उसके शरीर से मस्त जास्मिन की खुश्बू आ रही थी. साला मुझे तो यह खुश्बू सूंघने के बाद केवल सेक्स के ही विचार आते हैं. मैंने बाइक दे मारी और बोस की फ़ाइल ऑफिस से निकाल ली. मैं तेज बाइक चला रहा था इसलिए गर्म आंटी के चुंचे मेरे कंधे और कमर को टच कर देते थे. मेरी उत्तेजना ऐसे भी बढ़ी हुई थी और इस स्तन स्पर्श से मुझे और भी मजा आने लगा था.

थेंक यु वेलकम के बिच भी मैं चुंचे देखने लगा

कोमल आंटी को भी इस से कोई परवाह हो ऐसा लगता नहीं था क्यूंकि वह अभी भी अपने स्तन मुझ से वैसे ही लगा के बैठी हुई थी. बोस का घर आते ही वह उतरी और अंदर जा के फट से फ़ाइल दे के बहार आ गई. उसके आंखो में संतोष के भाव थे. वह बड़े प्यार से मेरी तरफ देख के बोली, थेंक यु राहुल .तुम नहीं होते तो आज तो मैं मर ही जाती. मैंने आंटी को पहली बार टी-शर्ट पहने देख रहा था. उसने नीली टी-शर्ट डाली थी और शायद मेरा फोन आने के वजह से उसने अंदर ब्रा नहीं पहनी थी तभी तो उसके चुंचे उभर के बहार आने को बेताब बने थे. मैं उसके चुंचो को ही देखता रहा, आंटी बोली…कभी जरुरत पड़े तो मुझे याद कर लेना…..मैं मनोमन सोच रहा था अरे जरूरत तो अभी ही हैं….तू एक बार अपनी चूत मुझे दे दे….!!! मैंने कुछ कहा नहीं और मैं उसके गुलाबी होंठ और चुंचे ही देखता रहा. सच कहूँ इस गर्म आंटी की जवानी किसी जवान लड़की से कम नहीं थी…साला अजूबा था अजूबा….मस्त भरे चुंचे देख मेरा मन कर रहा था की उसे वही लिटा के ठोक दूँ…..!

आइसक्रीम पार्लर में चुंचे दिख ही गए

मुझे ऐसा देख आंटी सहम सी गई, लेकिन उसके चहरे पर हलकी मुस्कान मुझ से छिप नहीं सकी. वोह बोली,आओ राहुल यहाँ कोर्नर के दूकान में आइसक्रीम खाते हैं. हम लोग दुकान में गए और मैं जैसे आइसक्रीम लेने उठा, गर्म आंटी ने अपने हाथ से मेरे बाजू को पकड़ा और बोली नहीं पैसे मैं दूंगी…आज तुम्हारी ट्रीट मेरी तरफ से. आइसक्रीम ले के आंटी आई और उसने टेबल पर आइसक्रीम रखने के लिए अपनी कमर झुकाई….ओह ओह ओह्ह्हह्ह्ह्ह….क्या दूध जैसे सफ़ेद चुंचे है और साली निपल्स भी कितनी मस्त गुलाबी हैं. टी-शर्ट ऊँची होने से मुझे पुरे चुंचे दिख गए…और गर्म आंटी भी जैसी की चुंचे दिखाने ही झुकी थी क्यूंकि वह धीरे से ऊँची हुई…तब तक तो मैंने चुंचे मस्त देख लिए थे. मेरा लंड फूलने लगा था, मैं आइसक्रीम खाते खाते आंटी के जिस्म की तारीफ़ करने लगा और बोला, आंटी आप ने फिगर अच्छा मेंटेन किया है, सच में आप 24 की ही लगती हैं. और आप सुंदर भी बहुत हैं. गर्म आंटी हंसी और बोली, अच्छा तभी तुम अंदर बहार सब देख रहे थे…..वाऊ…आंटी तो सब जानती थी उसे पता था की मैं उसके चुंचे देख रहा था, फिर क्या था मैंने इस थेंक यु वाले वातावरण में उसे कहा, आंटी जो चीज अच्छी हो देखने का मन हो ही जाता हैं.

क्या चुदाई करवओगी मुझ से?

गर्म आंटी अब सब देख ही चुकी थी इसलिए मेरी हिम्मत थोड़ी खुल गई. हम अभी पार्लर के बाहर थे. मेरी आंखे उसकी आँखों में थी. मैंने एकबार फिर उसके चुंचे देखे और कहा, आंटी सच में मैंने कभी एक आंटी के साथ प्यार नहीं किया लेकिन आपको देख के प्यार आही जाता हैं. गर्म आंटी जोर से हंस पड़ी और बोली, अच्छा कौनसे वाला प्यार…!!! मैं समझ गया की यह साली सब दावपेच की जानकार हैं और इसके आगे ज्यादा नाटक नहीं चलेगा. मैंने उसके सामने देखा और हिम्मत कर के कहा, आंटी मैं दुसरे प्यार की ही बात कर रहा हूँ…! आंटी कुछ बोली नहीं, लेकिन वोह बाइक की तरफ चल पड़ी. मैंने उसके हाथ को पकड़ लिया और वोह बोली, अरे मरवाओगे क्या राहुल…चलो मेरे घर ले लो बाइक. मैंने बाइक घुमाई और आंटी पीछे बैठ गई. उसके चुंचे अब मुझे और भी नजदीक लग रहे थे. तभी आंटी का हाथ मेरे लंड के करीब आया और वो मेरे तोते को मोड़ने लगी. मेरा लंड पहले से खड़ा था और उसके छूते मुझे और भी गर्मी चढने लगी.

घर पे मस्त चुदाई करवाई गर्म आंटी ने

आंटी का घर आ गया और मैंने जैसे ही गाडी रोकी कोमल आंटी बोली, चलो आ जाओ. मैं आंटी के पीछे पीछे चल पड़ी. आंटी ने पर्स से चाबी निकाली और दरवाजा खोला. हम लोग थोड़ी देर में आंटी के बेडरूम में थे. गर्म आंटी ने तुरंत अपनी टी-शर्ट उतारी और अपने बड़े चुंचे तुरंत बहार निकाले.वोह भी मस्त गर्म हो चुकी थी उसने बिना रुके अपनी पेंट भी निकाल दी. मैंने पेंटी उतारने की कमी पूरी कर दी. आंटी की चूत पर हलके हलके बाल थे और उसकी चूत मस्त होंठो से ढँकी हुई थी. मैंने अपना हाथ इस गर्म आंटी कोमल की चूत पर रखा और उसे दबाया आंटी सिसकारी निकालने लगी. उसने मेरा लंड पकडे हुए मुझे अपनी तरफ खिंचा. मैंने भी आंटी को बाहों में भर लिया और उसके होंठो से अपने होंठ चिपका दिए. आंटी मुझे जोर जोर से चूमने लगी, आंटी के हाथ मेरे लंड को बहुत मस्त कर चुके थे अब उसके मुहं की बारी थी. उसने निचे झुक के मेरे लंड को सीधा मुहं में भर लिया और जोर जोर से चूसने लगी. मेरा लंड अब बहुत कड़ा हो गया था और उसे चूत का छेद ही चाहियें था. आंटी लंड को बाहर निकाल के उसे हाथ से हिला रही थी और फिर अपने मुहं में भर के अपनी जबान उसके उपर फेर रही थी. आंटी सेक्सी तरीके से लंड चुस्ती रही और मैं उसे देखता रहा अपना लंड चूसते हुए. आंटी ने कुछ 5 मिनिट तक लंड चूसा और फीर वो उठ खड़ी हुई. मैंने आंटी को कुतिया बना के सोफे के साथ खड़ी कर दी.
मैंने पीछे से उसकी चूत फैला दी और थोडा थूंक ले के उसके चूत के छेद पर रखा. मैं अपनी उंगलियाँ चला के आंटी की चूत को चिकना किया और फिर धीरे से अपना लंड इस गर्म आंटी को दे दिया. आंटी हिलती गई और मैं पीछे से उसे ठोकता गया. आंटी अपनी सेक्सी गांड को हिला हिला के मेरे लंड की मजा लेती रही, मैं भी आंटी की गांड को थपथपा के उसे और भी उत्तेजित करने लगा. आंटी बोल रही थी…हां हां वही राहुल वही दे मुझे, यस ऐसे ही झटका दे मुझे. आ आह आह आह ओह वहीँ दे मुझे….आह आह…मैंने भी आंटी को जोर जोर से चोदना चालू कर दिया. आंटी अपनी चूत को बिच बिच में सख्त कर देती थी और मुझे और भी मजा दे देती थी.आह आह के इस शोर गुल में ही मेरा वीर्य छटक पड़ा और मैंने इस गर्म आंटी की चूत को अपने लंडरस से छलका दिया. आंटी कस के चूत के अंदर सारा रस समाने लगी. मुझे कोमल आंटी की चूत से असीम सुख मिल गया था.
आंटी ने कपडे पहने और मुझे फ्रिज से संतरे का रस पिलाया. मैं वही बैठ गया, मित्रो इस गर्म आंटी ने मुझे उस रात घर जाने ही नहीं दिया और मेरे लंड से पूरी रात खेलती रही. उसने रात को मुझ से दो बार चुदाई करवाई और एक बार गांड मरवाई. मैंने भी आंटी की चुदाई का यह अवसर पूरी तरह उठाया और उसे पूरी रात पेलता रहा.

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