Thursday 2 May 2013

सेक्सी भाभी सुलोचना की चुदाई

विक्रम की जाहोजलाली और हम थे वही फटे हुए भिखारी

विक्रम अपनी बाइक ले के आया और उसने बाइक पर से उतरे बिना ही पान वाले बनवारी यादव से कहा, दो पा देना बनवारी अंकल मेरे और साथ में एक मीठा पान भी लगा देना. मैं वही बैठा अपने मोबाइल पे गेम खेल रहा था. विक्रम ने मुझे देखा नहीं था, वरना वह मुझे जरुर आवाज देता. मैं उसे आवाज नहीं देना चाहता था, सच कहूँ तो मैं उसकी सफलता से जलता था….उसके पास चुदाई के सारे रस्ते खुले थे और हम 23 के होने पर भी हाथ से ही काल चलाते हैं. विक्रम कोलेज में दीप्ती के साथ घूमता हैं और उसने जेबखर्ची के लिए दिल्ली की ही एक बड़े साहब की बीवी यानी की कोई सेक्सी भाभी को फांसा हैं. यह सेक्सी भाभी उसे चूत चुदवाने के अच्छे खासे पैसे देती हैं. विक्रम बुरा नहीं हैं, वह अच्छा दोस्त हैं, पर आप ही बताओं जलन दोस्तों से नहीं तो क्या गैरों से करेंगे. बनवारी ने उसे पान दिए और वह निकलने ही वाला था की उसने मुझे देखा.
“अबे साले अक्षय कब से बैठा हैं यहाँ तू…मैंने तो तुझे देखा ही नहीं.” वो बाइक को स्टेंड पर लगा के मेरे पास आ पहुंचा. उसने हाथ लम्बा किया और हमने हेंडशेक किये. मैंने उसे कहा, “साले तू आया तभी से मैं यहाँ गांड मरवा रहा हूँ, बल्कि उस से भी पहले से….तू साला बड़ा आदमी हो गया हैं ना तो हमें कहाँ से देखेंगा……!”
“तू बस अपनी माँ चुदवाने लगता हैं अक्षय, साले आज तक मैंने तुझ से कभी ऐसी बात नहीं की, साले तू मुझ से नाराज क्यों रहता हैं…?”
“लौड़े तू नहीं समझेगा, जिसकी फटती हैं उसी की गांड में मोमबत्तियां जलती हैं…!”
मेरा डायलोग सुन के विक्रम ने जोर से हंस दिया और बोला, “आ चाय पिते हैं.” हम दोनों सामने चाय की दुकान पे गए और पीछे लगी लकड़ी की बेंच में बैठ चाय पिने लगे. उसने मुझ से पूछा, “अब बता क्या बात हैं साले पैसे वैसे ककी जरुरत हैं क्या, क्यों उखड़ा उखड़ा रहेता हैं मुझ से?” विक्रम मुझे अब तक 2000 उधार दे चूका था जो उसने कभी वापस नहीं मांगे थे. मैंने उसे कहा, “अबे नहीं, मुझे तो तुझे ऊपर से देने हैं. यार मेरी चुदाई का कुछ बंदोबस्त कर तू. मैं लंड हाथ से मलते मलते उसके उपर उँगलियों की फिंगरप्रिंट छोड़ चूका हूँ, तू साला दीप्ती को भी ल्ले रहा हैं और उस सेक्सी भाभी को भी.कोई सेक्सी भाभी पटाने की टिप हमें भी दें.”
विक्रम फिर से हंसने लगा, “साले पहले बोल देता, मैं तो पहले से उस भाभी से पीछा छुड़ाने के चक्कर में हूँ, साली अब भाव खाती हैं कहती हैं की मैं शादी ना करूं और उसका रखैल बनके रहूँ. वैसे मैंने पुराणी दिल्ली में एक धांसू आइटम देखी हैं. 35 साल की ही आंटी हैं, मैं इस भाभी से तेरा फिक्स करवा दूंगा लेकिन तू उसे अपना सही नाम और प़ता मत देना. मेरे से साली गलती लग गई थी. और हाँ कल 2 बजे तू फ्रिं होंगा…? कल ही मैं तुझे उससे मिलवाता हूँ.”
मैंने विक्रम से कहा, “हाँ, मैं तू कहे तब समय निकाल लूँगा, बस तू चूत दिलवा दे.” विक्रम ने मुझे कहा की वोह मुझे दोपहर के 2 के करीब ईरानी होटल पर इस सेक्सी भाभी से मिलावएगा, साथ में उसने मुझे यह भी कहाँ की मैं होटल में कुछ उलटी सीधी बात ना करूँ क्यूंकि यह भाभी थोड़ी भड़क जानेवाली थी.
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सेक्सी भाभी सुलोचना से मुलाकात, यह लंड लेगी क्या?

मैं 1:45 को ही ईरानी होटल के सामने वाले रोड पे जा खड़ा हुआ था. विक्रम अपनी बाइक ले के करीब 2 बज के 5 मिनिट पर आया और उसने मोबाइल निकाला. मैं समझ गया की वोह मुझे ही फोन कर रहा हैं. मैंने उसकी रिंग काट दी और उसे दूर से हाथ किया. चाय आ गई थी और हम दोनों चुस्कियां ले रहे थे. विक्रम की मोबाइल की रिंग बजी, “हेल्लो, हाँ जी सुलोचना दीदी हम यहाँ ईरानी में ही हैं. कोने के आगे वाले टेबल पर.”
मैं चोंका, “दीदी”….मेरे चोंकने वाले भाव विक्रम समझ गया और उसने मुझे कहा, “मैंने तुझे बताया ना यह सेक्सी भाभी भड़कती हैं. उसका पति एक बड़ा आदमी हैं इसलिए वोह पब्लिक प्लेस में तुम्हे भी शायद भाई कहके बुलाएं. लेकिन घबरा मत जब वोह होटल या उसके फ्लेट पे तेरा लंड लेगी तो तूझे स्वर्ग मिल जाएगा.”
5 मिनिट बीते थे की होटल में एक अतिसुंदर स्त्री साडी में दाखिल हुई. उसने टेबल पर आते ही अपनी बड़ी, 40 के उपर की गांड के मटके को मेरी साथ वाली कुर्सी पर रखा और बैठ गई. सच में सेक्सी भाभी चुदने लायक ही थी. विक्रम ने उसे हंस के कहाँ, “कैसे हो सुलोचना दीदी…यह मेरा दोस्त नवीन मैंने बोला था ना आपको. यह यहाँ नवजीवन कोलेज में हैं, बी.एड कर रहा हैं. मेरे ऑस्ट्रेलिया वीसा में इसने ही काफी मदद की हैं.” अच्छा तो विक्रम ऑस्ट्रेलिया जाने के बहाने इससे छुट रहा था और उसने मेरी सारी डिटेल गलत बताई थी. मैंने इस सेक्सी भाभी से नजर मिलाई और उसकी तरफ देखने के लिए साइड में मुड़ा. उसके मांस से भरे हुए चुंचे देख मेरा लंड तो वही स्टार्ट हो गया था. मैंने उस से हाथ मिलाए और उसके हाथो की कोमलता मुझे भा सी गई. हम लोगो ने चाय और ब्रेड जाम खाया और पूरा समय मैं यही सोच रहा था, क्या यह सेक्सी भाभी मेरा लंड भी लेगी?

सुलोचना ने मुझे उसी दिन शाम को घर बुलाया

हम लोग चाय ख़तम कर के बहार आये, बिल यह सेक्सी भाभी ने ही दिया. विक्रम ने मुझे पहले ही बोला था की पैसे मत निकालना, इसका पति एटीएम हैं बस तुझे उठाने है पैसे जमा नहीं करने कभी. बहार भाभी ने विक्रम को कहाँ, “अच्छा विक्रम मुझे ऑस्ट्रेलिया से फोन तो करेगा ना. मैं पति की वजह से एअरपोर्ट नहीं आ पाउंगी. लेकिन फिर भी हफ्ते बाद की बात हैं तो में देखूंगी. तुम नवीन को समझा देना और हो सके तो नवीन को आज ही मेरे फ्लेट पर भेज देना.. क्या करना है और कैसे यह सब उसे बता देना” भाभी इतना कहेती हुई मेरी तरफ देख के मुस्कुराने लगी. मेरा लंड खड़ा हुए जा रहा था. सेक्सी भाभी गांड हिलाते हिलाते हुए जाने लगी. उसने गाडी स्टार्ट की और हमें हाथ बताते हुए चली गई.
“साले तूने इसे यह कहाँ है की तू आउट ऑफ़ इंडिया जा रहा हैं. ”
“अबे हाँ, मैंने इनिशियली प्यार व्यार का नाटक ज्यादा कर दिया. तू सिर्फ चूत पे ध्यान देना और हाँ वो बोले भी ना की वोह तुझ से प्यार करती हैं तो तू बोलना की तेरा मकसद सिर्फ सेक्स हैं. साली यह सेक्सी भाभी और आंटियां चुदवाती हैं और चाहती हैं की हम इन्हें ही चोदे और घर ना बसाये. आजा में तुझे उसके फ्लेट का रास्ता बता दूँ.” विक्रम ने मुझे बाइक पर ले जा के एक कोमर्शियल बिल्डिगं के ग्राउंड फ्लोर पर आया इस भाभी का फ्लेट बताया. यह फ्लेट शायद भाभी चुदवाने के लिए ही करती थी क्यूंकि भाभी की गाडी की ब्रांड के सामने यह फ्लेट छोटा था. विक्रम ने मुझे कुछ और टिप भी दिए की कैसे उसके पैसे और चूत लेनी हैं. उसकी गांड में बिना कंडोम लंड मत देना, उसके सामने गर्लफ्रेंड की बात मत करना और ख़ास तो उसे कभी अपनी असलियत और मेरे दिल्ली में हि होने की बात मत बताना.
विक्रम मुझे यूनिवर्सिटी ड्राप कर के दीप्ती की भोसड़ी लेने चल पड़ा. मैंने बनवारी से पान बनवाया और खड़ा खड़ा तम्बाकू का मजा लेने लगा. कुछ शाम के 4 बजे होंगे और मेरी बेचेनी चरमसीमा पे थी. मैंने सेक्सी भाभी को इम्प्रेस करने के लिए निचे की झांटे और बगल साफ़ कर ली थी. हॉस्टल के सामने वाला मेडिकल वायेग्रा के लिए ठीक नहीं था इसलिए मैंने नुक्कड़ के छोर पर से वायेग्रा ले ली. मैंने कम पावर की ही गोली ली थी. ;पिछली बार हाई पावर ली थी तो मेरा लंड जींस को भी फाड़ देगा ऐसा लग रहा था. शाम के पांच बजे मैंने आधी वायेग्रा खाई और मैं अपनी बाइक ले के सेक्सी भाभी सुलोचना के फ्लेट के करीब पहुंचा. मैंने गाडी उसकी बिल्डिंग की बजाय सामने रोड पर पार्क की.

भाभी तो एक ही दिन में दो दो रूप में आई थी

मैंने जैसे ही डोरबेल बजाई सेक्सी भाभी सुलोचना ने फट से दरवाजा खोला…..अरे यह इस पुशाक मैं…..दोपहर को यही भाभी को मैंने ट्रेडिशनल साडी मैं देखि थी लेकिन अभी तो ये एक बड़े चड्डी जिसे बरमूडा कहते हैं उसमे और खुली टी-शर्ट में थी. अंदर ले के उसने दरवाजा बंध किया. मेरी नजर ना चाहते हुए भी उसकी मटकती गांड पर स्थिर हो जाती थी. भाभी ने मुझे पूछा “कुछ लोंगे”….मैं कहने वाला था “हाँ, तुम्हे लेंगे” लेकिन मैंने केवल मस्तक हिला के ना किया. भाभी ने सोफे पर अपनी गांड जमाई और उसने मुझे बेठने को इशारा किया. मैंने उसके पास बैठा और मेरी जांघ उसकी मुलायम जांघ को छू रही थी. भाभी का फ्लेट मेरे अंदाजे के मुताबिक चुदाई महल ही लग रहा था. ना ज्यादा फर्नीचर ना सामान. केवल एक सोफा और पलंग. सेक्सी भाभी सुलोचना की साडी मुझे हेंगर पर दिखी. मैं समझ गया की उसे अपने घर में ज्यादा आज़ादी नहीं थी और वो सारे सौख यहाँ पुरे करती हैं. भाभी ने समय जरा भी व्यतीत नहीं किया उसने सीधे मेरे पेंट की बकल खोली और उसे उतार दी. उसने एक मिनिट के अंदर तो मुझे पूरा नंगा कर दिया और खुद भी अपनी टी-शर्ट उतार बेठी. उसके भारी चुंचे हिलने की वजह से इधर उधर हो रहे थे. मैंने अपने होंठ उसके निपल्स पर लगा दिए और वो मुझे अपने स्तन के उपर मस्तक पकड़ के दबाने लगी.
सेक्सी भाभी और आंटियों का यही सब से बड़ा फायदा होता हैं, आपको चूत तक पहुँचने में समय नहीं बिताना पड़ता. भाभी के हाथ मेरे लंड को सहला रहे थे और मैं अपने हाथ उसकी कमर पर फेर के उसे गर्म कर रहा था. भाभी की मुलायम कमर और गांड के उपर मैंने हाथ घुमाये और अपना हाथ आगे ला के उसकी बरमूडा उतार दी. वाह….क्या मस्त छोटी छोटी झांटो वाली चूत थी…भाभी का भोसड़ा सच में सेक्सी था. मैंने अपनी एक ऊँगली उसके चूत पर रखी और उसके मुहं से सिसकी निकली. मैंने ऊँगली चूत के प्रवाही से टच की और उसका कलाईटोरिस ढूंढने लगा. उसका कलाईटोरिस टच करते ही सेक्सी भाभी उछल पड़ी. उसने कस के मुझ गले लगा लिया और तुरंत निचे बैठ के मेरे लंड को मुहं में ले गई.

सेक्सी भाभी लंड चूसते चूसते चूत में ऊँगली दे रही थी

सुलोचना भाभी मेरा लंड चूसते चूसते हुए अपनी झांटो वाली चूत के अंदर ऊँगली कर रही थी. वायेग्रा की असर के चलते मेरा लंड 5 मिनिट की चुसाई के बाद भी वैसे ही खड़ा था जैसे की क़ुतुब मीनार. भाभी की चूत पानी छोड़ के कब से चुदाई करवाने के लिए तैयार थी वोह लंड चूसते हुए मेरी तरफ देख रही थी, शायद उसे मेरा इन्तजार था की कब मैं उसे उठा के उसकी चूत में डंडा दूंगा. मैं और 2-3 मिनिट इस सेक्सी भाभी के मुहं को चोदता रहा. अब मैंने अपना लौड़ा भाभी के मुहं से बहार किया. लंड से निकला हुआ प्रीकम भाभी के मुहं को मस्त चिकना कर चूका था. वोह बड़े प्यार से मेरी तरफ देख रही थी. सुलोचना भाभी अपनी टाँगे फैला के बेड में लेटी और मैंने उसकी टांगो कके बिच बैठ के कंडोम अपने लंड के उपर पहना. भाभी ने लंड अपने हाथ में लिया और चूत की तरफ मार्गदर्शन करने लगी. उसकी खुली चूत में मेरे 8 इंच के लंड को घुसने में जरा भी दिक्कत नहीं हुई. भाभी लंड चूत में जाते ही मुझ से लिपट गई और मैं उसकी चूत के प्लेग्राउंड पर छक्को और चोको की बरसात बरसाने लगा. चूत की चिकनाहट लंड को मस्त मजा दे रही थी.

फिर कब अओंगे…अगली बार मेरी गांड भी मार लेना

मैंने करीबन 10-15 मिनिट तक इस सेक्सी भाभी की चूत को ठोका होगा लेकिन भाभी और मैंने थकने के कोई निशान जाहिर नहीं किये, भाभी भी गांड हिला हिला के लौड़ा खा रही थी और मैं भी सालो बाद ऐसी चूत मिलने की वजह से सेक्सी भाभी सुलोचना को और ठोक रहा था. और 5 मिनिट चुदाई हुई और वीर्य निकल गया, पूरा कंडोम वीर्य के बहाव से भर गया और भाभी ने एक लंबी सांस ले के अपनी संतुष्ट होने के संकेत दिए. मैंने लंड बहार निकाला और भाभी ने खड़े होकी साडी पहन ली. वो बोली, “मुझे पता होता की तुम इतना लम्बा चोदते हो तो मैं जल्दी बुला लेती…लेकिन सच में विक्रम की बात सही थी, तुम्हारा लंड है ताकत वाला….कब आओगे अगली बार और हाँ क्या तुम्हे गांड में लंड देना अच्छा लगता हैं?”
मैंने पेंट पहनते हुए भाभी को कहा, “आप जब बुलाएँगे हाजिर हो जाऊँगा. और गांड तो मेरी पहली पसंद हैं.” भाभी ने मुझे 1000 का नोट दिया. और मैं थोड़ी देर बाद विक्रम को फोन कर के उसे धन्यवाद कर रहा था. सुलोचना भाभी इस दिन के बाद मुझ से रेग्युलर चुदाई करवाती हैं. मैंने उसकी गांड में भी लंड का तंबू गाड़ दिया हैं. मुझे भी सुलोचना की चुदाई में मजा आती हैं क्यूंकि चूत की चूत मिलती हैं और पैसे भी मिल जाते हैं…….!

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